“राजस्व विभाग के कर्मियों ने मिलकर बेची सरकारी जमीन: फ्रॉड का खुलासा”

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देहरादून। थाना प्रेमनगर क्षेत्र के अंतर्गत झाझरा में सरकारी जमीन को राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से एक सोसाइटी को बेचने का आरोप लगा है। उक्त जमीन को असली मालिक पहले बेच चुका था, आरोपी ने उनके दस्तावेज के जरिए फर्जीवाड़ा किया है। स्टांप एवं निबंधन विभाग की एसआईटी में नामित अधिकारी की तहरीर के आधार आरोपी समेत एसडीएम विकासनगर, तहसील के तत्कालीन कोर्ट के कर्मचारियों और पटवारी के खिलाफ थाना प्रेमनगर में मुकदमा दर्ज किया गया है। स्टांप एवं निबंधन विभाग की एसआईटी में नामित अधिकारी अरुण प्रताप सिंह ने शिकायत दर्ज कराई है कि मोहिनी रोड निवासी अमरजीत ने झाझरा में अपनी 1.5930 हेक्टेयर भूमि को साल 2002 में तीन लोगों को बेच दिया था।

इसके बाद इस जमीन के दस्तावेज के जरिए दिसंबर 2004 में 0.9110 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री एक संस्था के नाम की गई। इस बार रजिस्ट्री करने के बाद सरकारी जमीन पर कब्जा दे दिया गया था। इस फर्जीवाड़े में सरकारी अभिलेखों में भी धोखाधड़ी की गई। एसआईटी की रिपोर्ट ने कहा गया है कि अमरजीत ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा किया है। साथ ही रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट हुआ है कि राजस्व अभिलेखों में जानबूझकर देरी से जमीन की पहले बिक्री का रिकॉर्ड चढ़ाया गया है और उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। थाना प्रेमनगर प्रभारी गिरीश नेगी ने बताया है कि शिकायत के आधार पर आरोपी अमरजीत के साथ ही एसडीएम विकासनगर, तहसील कोर्ट के तत्कालीन कर्मचारियों और पटवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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