देहरादून। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) में हिमालयन स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज (एचएसपीएस) व ग्राम्य विकास संस्थान जौलीग्रांट के संयुक्त तत्वावधान में अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता पद्म भूषण व विख्यात पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट ने वर्तमान में विश्व के सामने आने वाली पर्यावरणीय चुनौतियों, विशेष रूप से हिमालय के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र में छात्रों की समझ बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।
उन्होंने बताया कि कैसे महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र और विविध समुदायों का घर हिमालय का क्षेत्र, वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन और प्रदूषण के कारण गहन पर्यावरणीय गिरावट का अनुभव कर रहा है। उन्होंने हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने के उद्देश्य से चल रही परियोजनाओं पर प्रकाश डालते हुए पर्यावरण संरक्षण में स्वयं किये गये कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में व्यावहारिक समाधान तैयार करने के लिए नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों और स्थानीय समुदायों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को संरक्षित करना न केवल एक वैश्विक जिम्मेदारी है बल्कि एक व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है।
गहन पर्यावरणीय गिरावट का अनुभव कर रहा है। उन्होंने हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने के उद्देश्य से चल रही परियोजनाओं पर प्रकाश डालते हुए पर्यावरण संरक्षण में स्वयं किये गये कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में व्यावहारिक समाधान तैयार करने के लिए नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों और स्थानीय समुदायों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को संरक्षित करना न केवल एक वैश्विक जिम्मेदारी है बल्कि एक व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है।
इससे पूर्व एचएसपीएस के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने पद्म भूषण चंडी प्रसाद भट्ट को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर संयोजक बी. मैथिली सहित शिक्षक व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे