देहरादून।अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक गठबंधन को मजबूत करने की दिशा में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट (एसआरएचयू) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दोनों विश्वविद्यालय भारतीय बौद्धिक संपदा और आधुनिक विज्ञान के क्षेत्र में मिलकर कार्य करेंगे ।
विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना के दिशा-निर्देशन व कुलपति डॉ. राजेंद्र डोभाल की मौजूदगी में नई दिल्ली में आयोजित तृतीय जापान-भारत विश्वविद्यालय फोरम में एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। एसआरएचयू की ओर से कुलसचिव डॉ. मुकेश बिजल्वाण व सुकुबा विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. नागाटा क्योसुके ने शिक्षा, अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
इस अवसर पर एसआरएचयू के कुलपति डॉ. राजेंद्र डोभाल ने कहा कि यह समझौता दोनों विश्वविद्यालयों के बीच शोध और समग्र स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में नए संबंधों की शुरुआत करेगा। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित हिमालयन अस्पताल ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है। इस अनुबंध से सुकुबा विश्वविद्यालय की तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ लेकर स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ किया जायेगा। यह साझेदारी अनुसंधान, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में नए आयाम खोलेगी।
महानिदेशक (अकादमिक विकास) डॉ. विजेंद्र चौहान ने इस अनुबंध को छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक सुनहरा अवसर बताया। उन्होंने कहा कि इस एमओयू के तहत छात्र और फैकल्टी एक्सचेंज कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जो छात्रों और शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन और शोध के अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा यह कदम छात्रों के वैश्विक दृष्टिकोण को विकसित करने और उनके करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला होगा। विशेष रूप से स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में यह एमओयू भारतीय ज्ञान परंपरा जैसे आयुर्वेद, योग और आधुनिक विज्ञान के संयुक्त क्रियान्वयन को बढ़ावा देगा। कार्यक्रम का समन्वय डॉ. अपूर्व त्रिवेदी ने किया। इस अवसर पर सुकुबा विश्वविद्यालय जापान की ओर से डॉ. सकुराई ताकेकी, डॉ. ओहनेडा ओसामु मौजूद रहे।