भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने भारतीय संविधान में लिखे इंडिया शब्द का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि पूरा देश मांग कर रहा है कि हमें इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए। कुछ दिनों पहले आरएसएस प्रमुख ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देशवासियों से अपील की थी कि इंडिया की जगह भारत नाम का इस्तेमाल किया जाए।
देश में एक बार फिर भारतीय संविधान से इंडिया शब्द (India word in Constitution) को हटाने की मांग उठी है। भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने भारतीय संविधान में लिखे इंडिया शब्द का विरोध किया है।
उन्होंने कहा कि “पूरा देश मांग कर रहा है कि हमें ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए… ‘इंडिया’ शब्द अंग्रेजों द्वारा दी गई एक गाली है जबकि ‘भारत’ शब्द… हमारी संस्कृति का प्रतीक…मैं चाहता हूं कि हमारे संविधान में बदलाव हो और इसमें ‘भारत’ शब्द जोड़ा जाए।’
देश का नाम सदियों से भारत है: मोहन भागवत
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले आरएसएस प्रमुख ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देशवासियों से अपील की थी कि इंडिया की जगह भारत नाम का इस्तेमाल किया जाए उन्होंने कहा था,”इस देश का नाम सदियों से भारत है, इंडिया नहीं. इसलिए हमें इसका पुराना नाम ही इस्तेमाल करना चाहिए।’
हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही है: मोहन भागवत
मोहन भागवत ने आगे कहा,”हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही है। भाषा कोई भी हो, नाम एक ही रहता है।’
उन्होंने आगे कहा,”हमारा देश भारत है और हमें सभी व्यावहारिक क्षेत्रों में इंडिया शब्द का इस्तेमाल बंद करके भारत शब्द का इस्तेमाल शुरू करना होगा, तभी बदलाव आएगा। हमें अपने देश को भारत कहना होगा और दूसरों को भी यही समझाना होगा।”
इंडिया शब्द औपनिवेशिक दासता का प्रतीक: नरेश बंसल
कुछ दिनों पहले भाजपा के राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने भी संविधान से इंडिया शब्द हटाकर भारत शब्द के इस्तेमाल की मांग की है। उनका कि इंडिया शब्द औपनिवेशिक दासता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने 25 जुलाई को भाजपा संसदीय दल की बैठक में विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए पर निशाना साधते हुए कहा था कि ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन नेशनल कांग्रेस का गठन अंग्रेजों ने किया था।
कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि आगमी संसद के विशेष सत्र में केंद्र सरकार संविधान से ‘इंडिया’ शब्द हटाने के लिए विधेयक ला सकती है। सूत्रों ने दावा किया कि इससे जुड़े प्रस्ताव की तैयारियां जारी हैं।